Second PIL filed in Calcutta High Court in JU ragging death case
BREAKING
चंडीगढ़ में स्कूल बस पलटी; डिवाइडर पर लोहे की ग्रिल से टकराई, सेक्टर-43 की तरफ आ रही थी, हादसे के बाद आधी सड़क ब्लॉक उत्तराखंड से लैंडस्लाइड का खौफनाक वीडियो; नीचे सड़क पर गुजर रहे थे लोग, अचानक भरभराकर गिरा पहाड़, यहां देखें मौके का पूरा मंजर सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण; नीतीश सरकार का बड़ा ऐलान, बिहार में चुनाव से पहले महिला आरक्षण पर फैसला डायन बताकर 5 लोगों को जिंदा जलाया; पहले मारा-पीटा फिर जलाकर मार दिया, बिहार में इस क्रूरता से कांप उठे लोग, सरकार तक हड़कंप उत्तराखंड में बादल फटा, भीषण सैलाब; SDRF की टीम रवाना की गई, लोगों को सेफ रेस्क्यू करने का प्रयास, मानसून सीजन बना आफत

जेयू में रैगिंग से मौत के मामले में दूसरी जनहित याचिका कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर

Second PIL filed in Calcutta High Court in JU ragging death case

Second PIL filed in Calcutta High Court in JU ragging death case

Second PIL filed in Calcutta High Court in JU ragging death case- जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में 10 अगस्त को प्रथम वर्ष के छात्र की कथित रैगिंग से हुई मौत के संबंध में दूसरी जनहित याचिका बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर की गई।

नई जनहित याचिका कलकत्ता हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील और तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कल्याण बंदोपाध्याय ने दायर की। अपनी याचिका में, बंदोपाध्याय ने जेयू अधिकारियों पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया।

दरअसल, विश्वविद्यालय परिसर के भीतर सीसीटीवी लगाने की न्यूनतम जरूरत पूरी नहीं की गई।

बंदोपाध्याय ने राज्यपाल सीवी. आनंद बोस, जो जेयू के चांसलर भी हैं, को भी जनहित याचिका में एक पक्ष बनाया है। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल के रवैये के कारण जेयू काफी समय से बिना किसी स्थायी कुलपति के संचालित हो रहा है। 

जनहित याचिका में, बंदोपाध्याय ने यह भी दावा किया कि विश्वविद्यालय परिसर बाहरी लोगों के प्रवेश पर किसी भी प्रतिबंध के बिना नशीले पदार्थों के सेवन का केंद्र है।

पहली जनहित याचिका सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील सायन बनर्जी ने मुख्य न्यायाधीश टीएस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ में दायर की थी।

अपनी जनहित याचिका में, बनर्जी ने यह सुनिश्चित करने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा लागू एंटी-रैगिंग नियमों को जेयू सहित पश्चिम बंगाल के सभी राज्य-विश्वविद्यालयों में सख्ती से लागू किया जाए।

उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व निदेशक आरके. राघवन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर एक एंटी-रैगिंग समिति का गठन किया गया था। जिसमें विश्वविद्यालय परिसरों के भीतर जूनियर और नए छात्रों के साथ रैगिंग और उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए कई उपाय सुझाए गए थे।

यूजीसी ने इस संबंध में पालन किए जाने वाले दिशानिर्देशों का एक सेट भी जारी किया था।